विश्व बांस दिवस पर विशेष : बांस के पौष्टिक व्यंजनों और बायोकेमिकल महत्व पर प्रकाश

विश्व बांस दिवस पर विशेष : बांस के पौष्टिक व्यंजनों और बायोकेमिकल महत्व पर प्रकाश

हर वर्ष 18 सितंबर को विश्व बांस दिवस मनाया जाता है। बांस को हरियाली का प्रतीक और जीवनशैली से जुड़ा पौधा माना जाता है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बल्कि स्वास्थ्य और पोषण की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी है। विश्व बांस दिवस के अवसर पर डॉ. विकास जैन ने बांस के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बांस के विभिन्न भागों से न केवल स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं, बल्कि यह पोषण और स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं। बांस की कोंपलें (शूट्स) फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होती हैं। इनका उपयोग सलाद, सब्ज़ी, सूप और अन्य व्यंजनों में किया जा सकता है। डॉ. जैन ने बताया कि बांस के पौष्टिक व्यंजन पाचन तंत्र को मजबूत बनाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और वजन प्रबंधन में सहायक होते हैं। यही कारण है कि आजकल बांस आधारित खाद्य पदार्थों की लोकप्रियता बढ़ रही है। बांस की कोंपलें कम कैलोरी और उच्च फाइबर वाली होती हैं, जो आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे मोटापा और डायबिटीज़ से बचाव में सहायक हो सकती हैं। केवल पोषण ही नहीं, बांस में अनेक बायोकेमिकल गुण भी पाए जाते हैं। डॉ. जैन ने बताया कि बांस में फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक एसिड जैसे फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं, जिनमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह तत्व शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने के साथ-साथ सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।इसके अतिरिक्त, बांस में एंटीमाइक्रोबियल गुण भी मौजूद हैं। यह बैक्टीरिया और फंगस के विकास को रोकने में सहायक होते हैं, जिसके चलते इसे खाद्य और औषधीय उपयोग में और अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यही नहीं, बांस आधारित तत्व अब चिकित्सा, खाद्य उद्योग और सौंदर्य प्रसाधन क्षेत्र में भी तेजी से अपनाए जा रहे हैं।

डॉ. जैन ने इस विषय पर कई पुस्तकें लिखी हैं और बांस के तनों पर विस्तृत शोध कार्य भी किया है। उन्होंने कहा कि “बांस केवल एक पौधा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और पोषण का खजाना है। यदि हम बांस के पौष्टिक व्यंजनों को नियमित जीवन में अपनाएं, तो यह न केवल हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार होगा।”

उन्होंने यह भी अपील की कि विश्व बांस दिवस पर हमें बांस के महत्व को समझना चाहिए और इसके व्यावहारिक उपयोगों को बढ़ावा देना चाहिए। बांस पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ, आर्थिक दृष्टि से सुलभ और स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी है।

अंत में, डॉ. जैन ने कहा कि “आइए, हम सब बांस के पौष्टिक व्यंजनों को अपनाकर अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं और आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ और हरित भविष्य का उपहार दें।

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